Wednesday, March 21, 2018

हनुमान जयंती

                                                जय श्री राम




 शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक,वो हर भय से मुक्ति देने वाले है। वो राम के परम भक्त है। वो संकटो को हरने वाले है। ऐसे मंगल मूर्ति हनुमान जी का जन्मोत्सव हनुमान जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती के पहले जाने बल और बुद्धि के देवता एवं शास्त्रों के ज्ञाता हनुमान जी से जुड़ी हुई सुनी- अनसुनी बातें:-


 जन्म से जुड़ी कथा-

 माना जाता है कि समुद्र मंथन के बाद शिव जी ने विष्णु जी से उनका मोहिनी रूप देखने की इच्छा जाहिर की थी। भगवान शिव की इच्छा पर जब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया तो उसकी सुंदरता को देख कर भगवान शिव का बीज गिर गया था क्योंकि वह भगवान शिव का बीज था इसीलिए उसका व्यर्थ जाना उचित नहीं था और उसी समय माता अंजनी भी संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना कर रही थी, इसीलिए भगवान शिव ने वायुदेव से कहा कि वह इस बीच को माता अंजनी के गर्भ में स्थापित करें। तब सही समय आने पर माता अंजनी के गर्भ से केसरी नंदन हनुमान का जन्म हुआ।
           
                            कथा के अनुसार शिव के बीज से उत्पन्न होने के कारण हनुमान जी को शिव का अवतार माना जाता है और उनके जन्म में पवन देव की भूमिका के कारण इन्हें पवनपुत्र भी कहा जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार जब माता अंजनी पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना कर रही थी, उसी समय दूसरी और राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए अपनी रानियों सहित यज्ञ कर रहे थे। माना जाता है कि पुत्र प्राप्ति के लिए, यज्ञ से प्राप्त प्रसाद का कुछ भाग, एक पंछी अपने पंजे में लेकर उड़ गया था जो उसने उड़ते समय माता अंजनी के हाथों में गिरा दिया। माता अंजनी ने उसे शिव का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लिया। जिससे हनुमान जी का जन्म हुआ।

शनिदेव और हनुमान जी से जुड़ी कथा-
           
                       क्यों चढ़ाते है तेल हनुमान जी को-

जब हनुमान जी, सीता जी को ढूंढते हुए लंका पहुंचे तो उन्होंने पाया कि रावण ने शनिदेव को बंदी बनाया हुआ है। शनिदेव की प्रार्थना पर हनुमानजी ने उन्हें वहां से मुक्त कराया और इसके बदले शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया कि जो भी व्यक्ति शनिवार के दिन आप की उपासना करेगा और आप को तेल समर्पित करेगा वह शनि की कुदृष्टि के प्रभाव से बचा रहेगा। इसी वजह से माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो उसे हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए ताकि उसे कष्टों से मुक्ति मिल सके।इसी मान्यता के चलते कई मंदिरो में भक्तो द्वारा हनुमान जी को तेल चढ़ाया जाता है ताकि शनि देव की कुदृष्टि से बचा जा सके। 

 नौ ग्रह भी है इनके अधीन -

कहा जाता है कि रावण ने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात नौ ग्रहों को भी अपना बंदी बना लिया था। उसने इन ग्रहो को अपने राज सिंहासन की ओर जाने वाली सीढ़ियों के नीचे कैद करके रखा था। जब हनुमान जी ,सीता जी को ढूंढते हुए लंका पहुंचे थे तब उन्होंने ही इन ग्रहों को रावण की कैद से मुक्त कराया था। शायद इसीलिए कहा जाता है कि हनुमानजी सारे ग्रहों को अपनी पूंछ के नीचे रखते हैं।

      माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति के ग्रहों की दशा ठीक ना चल रही हो तो उसे हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए।फिर आपके मंगल की दशा ख़राब हो या राहु आपको परेशान कर रहा हो, हनुमान जी की भक्ति मात्र से सारे ग्रह ठीक दिशा में चलने लगते हैं और व्यक्ति का बुरा समय टल जाता है।


हनुमान चालीसा -


 हनुमान चालीसा को दुनिया की सबसे सरल और शक्तिशाली स्तुति माना जाता है।जब व्यक्ति का मन भयभीत हो या नकारात्मक विचारो ने उसे चारो ओर से घेर रखा हो तो हनुमान चालीसा का पाठ उसके मन को हर भय से मुक्त कर शक्ति और ऊर्जा से भर देता है।

 माना जाता है कि प्रातः काल सूर्य के समक्ष नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से सारे ग्रह मजबूत हो जाते हैं।हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और संकट मोचन उसके सारे संकट हर लेते, उसकी समस्त परेशानियां को दूर कर देते है।


समय के साथ हमारी मान्यताएं, आस्था और विश्वास पश्चिमी सभ्यता की चकाचोंध में कहीं विलुप्त होता जा रहा है। इसलिए इस हनुमान जयंती आप सब से निवेदन है कि अपने बच्चों को विद्यालय के किताबी ज्ञान के साथ-साथ हनुमान चालीसा सिखाने और उसके अर्थ को समझाने की शुरुआत अवश्य करें ताकि वह भी इस की शक्ति से परिचित हो सकें।
                              (एक निवेदन )
                                                             
                                   जय श्री राम

6 comments:

rajat sharma said...

🙏🙏🙏 जय श्री राम। सुंदर।

Unknown said...

Jai Shree Ram

Unknown said...

Jai Shree Ram

Shalini said...

🙏👍 nice post

showcase said...

BAHUT Badiya

Vikas mandloi said...

Adbhut. Aage bhi aise hi jari rakhe